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Haryanvi SMS, Haryanvi Jokes


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page 9

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एक दाँतवे (लंबे दांतो वाले) के मन में आई अक फौज में भरती हुया जावै । 


भरती होण पहुंच्या - पहल्यां उसकी नाप-तौल हुई, उसमें पास होग्या । फेर

उसका "मैडिकल" होया, उसमें फेल हो-ग्या ।


फिर दाँतवा एक बड्डे अफसर धोरै जाकै बोल्या - साहब, मैं मैडिकल में फेल

क्यूं कर दिया । साहब बोल्या - तेरे दांत घणे लाम्बे सैं ।

दाँतवे कै या बात पल्लै ना पड़ी, बोल्या - साहब, मेरे दांतां में के कमी सै
?
फौजी साहब नै सोच्या अक इस दाँतवे तैं क्यूकर पैंडा छुटाया जा । वो कुछ

सोच कै बोल्या - भाई, फौज में बन्दूक अर बम की लड़ाई होवै सै, बुड़क्याँ की

लड़ाई कोनी होती !!" 


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सुरजा फ़ौज मैं था, साल भर पाच्छै छुट्टी आया । सांझ-नैं उसकी बहू

रामप्यारी बूझण लाग्गी अक आज कुण-सा साग बणाऊँ ?


सुरजा बोल्या - आलू एंड (and) गोभी रांध ले ! अर इतणा कह कै बाहर गाम मैं 


घूमण लिकड़-ग्या ।


रामप्यारी सोच मैं पड़-ग्यी - के घरां आलू बी सैं , गोभी बी सै । पर यो एंड

(and) के होया ?

रामप्यारी अपणी पड़ोसण धोरै बूझण गई । पड़ोसण नैं बी कोणी बेरा था अक यो

एंड के हो सै । 


उसनै सोची अक ना बताई तो रामप्यारी आगै बेजती हो ज्यागी ! 


पड़ोसण बोल्यी - एंड तो गोबर हो सै ।


बस, फेर के था ! रामप्यारी नै घरां आ-कै गोबर का छ्यौंक ला-कै साग बणा दिया

रोटी खाते टेम सुरजा बोल्या - आज तो सब्जी चरचरी बण रही सै !

रामप्यारी बोल्यी - एंड किमैं घणा पड़-ग्या होगा !!!" 


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कारगिल की लड़ाई के आस-पास की बात । गाम की चौपाड़ में बूढ़े बैठे थे,


होक्का सिलगा कै - अर बात चाल पड़ी कारगिल कै ऊपर । उन बूढ़्यां में एक के

छोरे का नाम रामफळ था, जो फौज में था ।

रामफळ का बाबू - भाई, पाकिस्तान गैल्यां तै लड़ाई होवै ए होवै ।

दूसरा बूढ़ा - भाई, के कह सकां सां, हो भी सकै सै, ना भी ।

रामफळ का बाबू और हंघा ला कै बोल्या - भाई, लड़ाई तै हो कै रहवैगी, ईब कै

कोनी टळै ।

बूढ़े बोल्ले - भाई, इसा सै, ना भी होवै - के बेरा ?


रामफळ का बाबू - भाई, मन्नै बेरा सै, लड़ाई तै होवैगी जरूर ... एक तै यो

मुशरर्फ घणा ऊत सै, अर घाट मेरा रामफळ भी ना सै - ईब लड़ाई तै हो कै रहवैगी !!.


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एक बे रागनियाँ का कम्पीटीशन होवे था | ते एक नया - नया कलाकार रागनी गावे
था |

एक शराबी उह की निरी तारीफ़ करे था | र इह तें बाध कोए गायक नहीं , यु ते एक
नंबर का छोरा स |
जब उह की रागनी ख़तम हो ली एर वो स्टेज तें तले उतर्या ते शराबी उह तें
बोल्या :-
शराबी ---- भाई तू ते दुसरा लखमी चन्द स ,कती लट्ठ गाड़ दिया |

गायक ---- (राजी हो के ) भाई भोत -भोत धन्यवाद |

शराबी ------ बोत्तल लेर्या स ?

गायक ---- बोत्तल ते कोणी |

शराबी ---- ते तू भी लख्मीचंद कोणी , एर तन्ने ते लिकड़े भी ना गाड़े , लट्ठ
ते दूर की बात स "


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बिना आग ना उठै धूमा, न्यू कहगे ज्ञानी ध्यानी,
फंस छोरी के प्रेमजाल में कर ग्या माणस नादानीi

यो नशा हुश्न का बोतल जितना, आशिक का मन डोळ्या,
कामाग्नी के बाण नुकीले, पत्थर सा कालजा छोल्याi

घर में सुथरी नार, यो पापी मन डटता कोन्या,
भंवरा बण के रस पीवण तैं माणस पाछे हटते कोन्याi

बड़े बड़े सन्यासी डिग ज्यां जब जोबन ले अंगडाई,
विस्वामित्र भी भोगी होग्या जब मेनका नै करी तुड़ाई....!.



Appu: kaal rat film me chudail,
kade mere age kade mere piche ghuman lag rhi thi.
Lugai: kunsi film thi?
Appu: apni byah ki film. 



ek choti bandri apne babu te bhooje sa,
babu ham itne bhunde kyu dikhan sa?
bandar: beti ham toh kuch bhi koni,
jo message padhan lag rhaya sa,
wo apne te bhi bhunda sa.
.



Jee kare tere dhore aaun,
Tere dhore aa ke ruk jaun.
Na baithun ar na tane bulaun.
Bas teri aakhan me ungli mar ke bhaj jaun.