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AWAKWARD MOMENT |
Ek Ladka
Ek Ladki Se,Behad Muhabat Karta Tha!!
...Vo Ladki Bhi Usse Bahut
Pyar Karti Thi,Ladki Ne Ladke Ko,Dekha Tha Par Ladke Ne,Ladki Ko
Nahi Dekha Tha!!
Dono Online Hi Milte The, Ek Din Dono Ne Milne Ke,Bare Me Socha
Or,Mulakat Ka Wqat Or,Jaga Tey Ki ...
Ladke Ne Pucha Me Tumhe Pahechanunga Kese ?
Ladki Boli Mene White Dress Pehni Hogi Or Mere Hath Me Red Rose
Hoga..
Ladka Agle Din Subha Bahut Khus Ho Kar Us Ladki Se Milne
Gaya...
Par Usne Waha Jakar Ke Dekha ki Ek Budhi Orat Chehre Par Juriya
Bahut Hi BadSurat.Hath Me Red Rose Or White Dress Pahen Ke Khadi
Thi.
Ladka Ek Pal Ke Liye Chok Gaya Us Orat Ko Dekh Kar Par Dusre Hi Pal
Chal Pada Or Us Orat Se Jakar Bola "I Love U".
Mehi Hu Wahi Jisne Tumse Muhabat Ki He Vo Orat Boli Vo Me Nahi
Jisne Tumhe Yaha Bulaya He Vo to Us Ped Ke Piche Khadi Hai.
Ladki Ladke Ke Pas Aai Or Kaha Agar Me Ye Hoti To Bhi Tum Mujse
Pyar Karte.
Ladke Ne Kaha ene Tumko Chaha Hai...
Tumhari Surat Ko Nahi Mene Apne Khayalo Me,Tumko Paya He,Tumhare
Tasvur Ko Nahi.
Meri Har Dhadkan Har,Sans Par Tum Hi Tum Basi Ho,Tumhara Rup
Nahi.
Muje Koi Fark Nahi,Padta Is Bat Se Tum,Kon Ho Kya Ho Kuch Bhi
Ho,,Me Bas Itna Janta Hu Ke,Tum Bas Meri Ho Or Me
Tumhara.:)
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कर्म की
महानता
एक बार बुद्ध
एक गांव में अपने किसान भक्त के यहां गए। शाम को किसान ने उनके प्रवचन
का आयोजन किया। बुद्ध का प्रवचन सुनने के लिए गांव के सभी लोग उपस्थित
थे, लेकिन वह भक्त ही कहीं दिखाई नहीं दे रहा था। गांव के लोगों में
कानाफूसी होने लगी कि कैसा भक्त है कि प्रवचन का आयोजन करके स्वयं
गायब हो गया। प्रवचन खत्म होने के बाद सब लोग घर चले गए। रात में
किसान घर लौटा। बुद्ध ने पूछा, कहां चले गए थे? गांव के सभी लोग
तुम्हें पूछ रहे थे।
किसान ने
कहा, दरअसल प्रवचन की सारी व्यवस्था हो गई थी, पर तभी अचानक मेरा बैल
बीमार हो गया। पहले तो मैंने घरेलू उपचार करके उसे ठीक करने की कोशिश
की, लेकिन जब उसकी तबीयत ज्यादा खराब होने लगी तो मुझे उसे लेकर पशु
चिकित्सक के पास जाना पड़ा। अगर नहीं ले जाता तो वह नहीं बचता। आपका
प्रवचन तो मैं बाद में भी सुन लूंगा। अगले दिन सुबह जब गांव वाले पुन:
बुद्ध के पास आए तो उन्होंने किसान की शिकायत करते हुए कहा, यह तो
आपका भक्त होने का दिखावा करता है। प्रवचन का आयोजन कर स्वयं ही गायब
हो जाता है।
बुद्ध ने
उन्हें पूरी घटना सुनाई और फिर समझाया, उसने प्रवचन सुनने की जगह कर्म
को महत्व देकर यह सिद्ध कर दिया कि मेरी शिक्षा को उसने बिल्कुल ठीक
ढंग से समझा है। उसे अब मेरे प्रवचन की आवश्यकता नहीं है। मैं यही तो
समझाता हूं कि अपने विवेक और बुद्धि से सोचो कि कौन सा काम पहले किया
जाना जरूरी है। यदि किसान बीमार बैल को छोड़ कर मेरा प्रवचन सुनने को
प्राथमिकता देता तो दवा के बगैर बैल के प्राण निकल जाते। उसके बाद तो
मेरा प्रवचन देना ही व्यर्थ हो जाता। मेरे प्रवचन का सार यही है कि सब
कुछ त्यागकर प्राणी मात्र की रक्षा करो। इस घटना के माध्यम से गांव
वालों ने भी उनके प्रवचन का भाव समझ लिया।
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तपस्वी जाजलि
श्रद्धापूर्वक वानप्रस्थ धर्म का पालन करने के बाद खडे़ होकर कठोर
तपस्या करने लगे। उन्हें गतिहीन देखकर पक्षियों ने उन्हें कोई वृक्ष
समझ लिया और उनकी जटाओं में घोंसले बनाकर अंडे दे दिए। अंडे बढे़ और
फूटे, उनसे बच्चे निकले। बच्चे बड़े हुए और उड़ने भी लगे। एक बार जब
बच्चे उड़कर पूरे एक महीने तक अपने घोंसले में नहीं लौटे, तब जाजलि
हिले। वह स्वयं अपनी तपस्या पर आश्चर्य करने लगे और अपने को सिद्ध
समझने लगे। उसी समय आकाशवाणी हुई, 'जाजलि, गर्व मत करो। काशी में रहने
वाले व्यापारी तुलाधार के समान तुम धार्मिक नहीं हो।' आकाशवाणी सुनकर
जाजलि को बड़ा आश्चर्य हुआ। वह उसी समय काशी चल पड़े। उन्होंने देखा
कि तुलाधार तो एक अत्यंत साधारण दुकानदार हैं। वह अपनी दुकान पर बैठकर
ग्राहकों को तौल-तौलकर सौदा दे रहे थे। जाजलि को तब और भी आश्चर्य हुआ
जब तुलाधार ने उन्हें उठकर प्रणाम किया, उनकी तपस्या, उनके गर्व तथा
आकाशवाणी की बात भी बता दी। जाजलि ने पूछा, 'तुम्हें यह सब कैसे
मालूम?' तुलाधार ने विनम्रतापूर्वक कहा, 'सब प्रभु की कृपा है। मैं
अपने कर्त्तव्य का सावधानी से पालन करता हूं। न मद्य बेचता हूं, न और
कोई निंदित पदार्थ। अपने ग्राहकों को मैं तौल में कभी ठगता नहीं।
ग्राहक बूढ़ा हो या बच्चा, वह भाव जानता हो या न जानता हो, मैं उसे
उचित मूल्य पर उचित वस्तु ही देता हूं। किसी पदार्थ में दूसरा कोई
दूषित पदार्थ नहीं मिलाता। ग्राहक की कठिनाई का लाभ उठाकर मैं अनुचित
लाभ भी उससे नहीं लेता हूं। ग्राहक की सेवा करना मेरा कर्त्तव्य है,
यह बात मैं सदा स्मरण रखता हूं। मैं राग-द्वेष और लोभ से दूर रहता
हूं। यथाशक्ति दान करता हूं और अतिथियों की सेवा करता हूं। हिंसारहित
कर्म ही मुझे प्रिय है। कामना का त्याग करके संतोषपूर्वक जीता हूं।'
जाजलि समझ गए कि आखिर क्यों उन्हें तुलाधार के पास भेजा गया। उन्होंने
तुलाधार की बातों को अपने जीवन में उतारने का संकल्प
किया।.
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1 LARKA
1
LARKi
Aik Dosre Se Buhat
MUHABAAT Karte The
Bad Qismati Se LARKi Mar Gai
Marne K Bad LARKi Ne LARKE Se Kaha:
“Ek WADA Tha Tera
Har WADAY K Peeche
Tu Milega Mujhe Har Gali
Har Darwaze K Peeche
Per Tu Hi BEWAFA Nikla
Ek Tu Hi Na Tha Mere JANAZE K Peechy.
LARKA BOLA:
“Ek WADA Tha Mera Har WADAY K Peeche,
Me Milunga Tujhe Har Gali Har Darwaze K Peeche,
Par Tune MURH K Bhi Na Dekha,
Ek Or JANAZA Tha,
Tere JANAZE K .Peeche..…
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Dost dost se khafa nahi hota,
Pyaar pyaar se juda nahi hota,
Bhula dena meri kuch kamiyon ko,
Kyunki insaan kabhi Khuda nahi hota….
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HINDI SMS -----------------
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